कबूतरों में माइट्स (Mites) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। माइट्स बहुत छोटे परजीवी कीट होते हैं जो कबूतरों के शरीर पर रहते हैं और उनके पंखों, त्वचा और कभी-कभी आंतरिक अंगों को भी प्रभावित करते हैं। यदि समय पर इनका इलाज न किया जाए, तो ये कबूतर की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

माइट्स क्या होते हैं?

माइट्स सूक्ष्म कीट होते हैं जो पक्षियों के शरीर पर रहते हैं। ये खून चूसते हैं या त्वचा के ऊपरी हिस्से को खुरचते हैं, जिससे खुजली, जलन और त्वचा संक्रमण होता है। कबूतरों में मुख्य रूप से निम्न प्रकार के माइट्स पाए जाते हैं:

  1. रेड माइट्स (Red Mites)

  2. फेदर माइट्स (Feather Mites)

  3. स्कैली लेग माइट्स (Scaly Leg Mites)

  4. एयर सैक माइट्स (Air Sac Mites)

लक्षण (Symptoms) – माइट्स की पहचान कैसे करें?

  • बार-बार पंख खुजलाना या चोंच से पंख नोचना

  • पंखों का टूटना या झड़ना

  • त्वचा पर लालिमा या सूजन

  • रात में बेचैनी (विशेषकर रेड माइट्स के कारण)

  • सांस लेने में कठिनाई (एयर सैक माइट्स के मामले में)

  • पैरों की त्वचा पर पपड़ी या सूजन (स्कैली लेग माइट्स)

  • वजन घटना या सुस्ती

कारण (Causes)

  • गंदे पिंजरे या रहन-सहन की जगह

  • संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आना

  • उचित सफाई और देखभाल का अभाव

  • मौसम में नमी और गर्मी का बढ़ना

उपचार (Treatment)

  1. कीटनाशक स्प्रे या पाउडर:
    पालतू पक्षियों के लिए सुरक्षित विशेष माइट किलर स्प्रे/पाउडर का उपयोग करें। जैसे – Ivermectin spray या Permethrin-based powder

  2. पिंजरे की सफाई:
    पिंजरे, बैठने की छड़ें, घोंसले आदि को अच्छी तरह से गर्म पानी और कीटनाशक से साफ करें।

  3. औषधीय स्नान:
    कबूतर को हल्के कीटनाशक वाले पानी में स्नान कराएं।

  4. आहार में सुधार:
    कबूतर को पोषणयुक्त आहार दें जिससे उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।

  5. पशु चिकित्सक की सलाह:
    गंभीर स्थिति में तुरंत अनुभवी पक्षी चिकित्सक से संपर्क करें।

बचाव (Prevention)

  • हर हफ्ते पिंजरे की सफाई करें।

  • संक्रमित पक्षियों को अलग रखें।

  • धूप और हवा का उचित प्रवाह सुनिश्चित करें।

  • पंखों की नियमित जांच करें।

  • कबूतरों को साफ और सूखा वातावरण दें।

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