कबूतरों में होने वाली आम बीमारियां क्या हैं? जानें पहचान, कारण और इलाज
Common Diseases in Pigeons: कबूतर सुंदर और समझदार पक्षी होते हैं, लेकिन अगर उनकी देखभाल ठीक से न की जाए तो वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। समय पर पहचान और सही इलाज से न सिर्फ उनकी जान बचाई जा सकती है बल्कि झुंड में बीमारी फैलने से भी रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कबूतरों में होने वाली कुछ आम बीमारियों (Common Diseases in Pigeons) के बारे में —
1. पैरामाइक्सो वायरस (Paramyxovirus / PMV)
लक्षण: कबूतर का सिर बार-बार घूमना, उड़ने में दिक्कत, संतुलन बिगड़ना, पानी निगलने में कठिनाई।
कारण: वायरस के संक्रमण से यह बीमारी होती है, जो एक से दूसरे कबूतर में तेजी से फैलती है।
इलाज: इसका कोई सीधा इलाज नहीं है, लेकिन बीमार कबूतर को अलग रखें और झुंड को PMV वैक्सीन लगवाएँ।
2. कॉक्सिडियोसिस (Coccidiosis)
लक्षण: कबूतर सुस्त हो जाना, भूख न लगना, पतले और हरे रंग का दस्त।
कारण: गंदे दाने या पानी में मौजूद परजीवी।
इलाज: पशु चिकित्सक की सलाह से Amprolium या Sulfa आधारित दवा दी जाती है।
3. ट्राइकोमोनायसिस (Trichomoniasis / Canker)
लक्षण: कबूतर के गले या मुँह में पीले-पीले फफोले या गांठें बनना, निगलने में तकलीफ।
कारण: दूषित पानी और दानों में मौजूद परजीवी।
इलाज: Metronidazole या Ronidazole जैसी दवाओं का प्रयोग करें।
4. सैल्मोनेला (Salmonella / Paratyphoid)
लक्षण: कबूतर के पंख झड़ना, उड़ने में कमजोरी, दस्त, और जोड़ सूज जाना।
कारण: संक्रमित मल या दूषित भोजन-पानी से फैलता है।
इलाज: Enrofloxacin या Tylosin जैसी एंटीबायोटिक दवाएँ दी जाती हैं।
5. परजीवी संक्रमण (Parasite Infestation)
लक्षण: कबूतर बार-बार अपने पंख नोचना, बेचैनी, वजन घटना।
कारण: जूँ, माइट्स या अन्य त्वचा परजीवी।
इलाज: माइट स्प्रे, एंटी-पैरासाइट पाउडर, और साफ-सफाई बहुत जरूरी है।
6. रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (Respiratory Infection)
लक्षण: सांस लेने में कठिनाई, छींक आना, आँखों से पानी आना।
कारण: गंदगी, ठंड, और खराब वेंटिलेशन।
इलाज: Tylosin, Doxycycline जैसी दवाओं का उपयोग और वातावरण को साफ-सुथरा रखना।
रोकथाम के उपाय (Prevention Tips):
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रोजाना कबूतरखाने की सफाई करें।
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पानी और दाने हमेशा ताजे रखें।
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समय-समय पर कबूतरों को डी-वॉर्मिंग दवा दें।
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नए कबूतरों को झुंड में मिलाने से पहले 15 दिन अलग रखें।
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साल में एक बार वैक्सिनेशन करवाना जरूरी है।
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