Iron Storage Disease In Birds: आयरन स्टोरेज डिजीज जिसे हीमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) भी कहा जाता है, पक्षियों में पाई जाने वाली एक गंभीर बीमारी है। इसमें पक्षियों के शरीर में आयरन (Iron) की मात्रा सामान्य से अधिक जमा हो जाती है, जिससे जिगर (Liver), हृदय (Heart) और अन्य अंगों को नुकसान पहुँचता है। यह बीमारी खासतौर पर लॉरी (Lories), लॉरिकीट (Lorikeets), मैना, टूकेन (Toucan) और हॉर्नबिल (Hornbill) जैसे फलों पर निर्भर पक्षियों में अधिक देखी जाती है।

आयरन स्टोरेज डिजीज के कारण

  1. आहार में अधिक आयरन:
    जब पक्षियों को ऐसा भोजन दिया जाता है जिसमें आयरन की मात्रा ज्यादा होती है (जैसे कुछ फलों या आयरन-युक्त सप्लीमेंट्स), तो यह शरीर में जमा होने लगता है।

  2. अनुवांशिक कारण:
    कुछ पक्षियों की नस्लों में यह रोग आनुवांशिक रूप से पाया जाता है।

  3. यकृत की कार्यक्षमता में कमी:
    जब लिवर आयरन को सही तरह से मेटाबोलाइज नहीं कर पाता, तो यह शरीर में एकत्रित हो जाता है।

  4. खराब पानी या धातु से बने बर्तन:
    आयरन युक्त पानी या धातु के बर्तन से भी शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ सकती है।

लक्षण (Symptoms)

  • पक्षी का सुस्त या कमजोर दिखना

  • भूख कम लगना

  • सांस लेने में कठिनाई

  • पेट या लिवर में सूजन

  • पंखों की चमक कम होना

  • अचानक मृत्यु (कई बार बिना स्पष्ट लक्षणों के)

निदान (Diagnosis)

  • रक्त जांच (Blood Test) से आयरन स्तर की जांच

  • लिवर एंजाइम टेस्ट

  • लिवर बायोप्सी (Liver biopsy) से पुष्टि

  • एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड से लिवर की स्थिति की जांच

उपचार (Treatment)

  1. आयरन कम आहार (Low Iron Diet):

    • आहार में ऐसे फल और खाद्य पदार्थ शामिल करें जिनमें आयरन की मात्रा कम हो।

    • अंगूर, सेब, पपीता, अमरूद आदि उपयुक्त हैं।

  2. आयरन अवशोषण रोकने वाली दवाइयाँ:

    • पशु चिकित्सक की सलाह से “Chelating agents” का प्रयोग किया जा सकता है।

  3. फ्लेबोटोमी (Phlebotomy):

    • कुछ मामलों में रक्त निकालकर शरीर में आयरन का स्तर घटाया जाता है।

  4. लिवर की देखभाल:

    • लिवर प्रोटेक्टिव सप्लीमेंट्स दिए जा सकते हैं।

बचाव के उपाय (Prevention Tips)

  • हमेशा आयरन-फ्री पानी का उपयोग करें।

  • धातु के बर्तनों की बजाय स्टेनलेस स्टील या प्लास्टिक के बर्तन प्रयोग करें।

  • आयरन सप्लीमेंट्स बिना डॉक्टर की सलाह के न दें।

  • वार्षिक हेल्थ चेकअप कराते रहें।

  • संतुलित और विविध आहार दें।