Eye diseases in birds:पक्षियों की आंखें उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। ये न सिर्फ उड़ने और भोजन ढूंढने में मदद करती हैं, बल्कि शिकारियों से बचने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन अगर आंखों में कोई बीमारी हो जाए, तो पक्षी का जीवन संकट में पड़ सकता है। आइए जानते हैं पक्षियों में पाई जाने वाली आम आंखों की बीमारियों, उनके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में।

आंखों की आम बीमारियां

  1. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)
    इसे आम भाषा में ‘आंख आना’ कहा जाता है। इसमें आंख की परत लाल हो जाती है और सूजन आ जाती है।
    लक्षण: आंखों से पानी आना, सूजन, चिपचिपापन, बार-बार आंख मलना।
    कारण: धूल, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण।

  2. क्लोज्ड आई सिंड्रोम (Closed Eye Syndrome)
    इसमें पक्षी की आंखें लगातार बंद रहती हैं।
    लक्षण: आंखें खुलती नहीं, सुस्ती, उड़ने या चलने में परेशानी।
    कारण: पोषण की कमी, संक्रमण या चोट।

  3. कैटरैक्ट (Cataract)
    यह बीमारी बुजुर्ग पक्षियों में ज्यादा देखी जाती है।
    लक्षण: आंख की पुतली में सफेदी, धुंधला देखना, उड़ने में असमर्थता।
    कारण: उम्र, जेनेटिक कारण, सूर्य की यूवी किरणें।

  4. आंख की चोट (Eye Injury)
    झगड़े, पिंजरे की तारों या किसी नुकीली वस्तु से आंख में चोट लग सकती है।
    लक्षण: खून आना, आंख बंद रहना, असामान्य व्यवहार।
    कारण: लड़ाई, दुर्घटना, तेज वस्तु से टकराव।

रोकथाम और उपचार

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें: पक्षियों के पिंजरे और आसपास की जगह को रोज साफ करें।

  • पोषण युक्त आहार दें: विटामिन A, E और बीटा-कैरोटीन युक्त फल-सब्जियाँ आंखों की सेहत के लिए जरूरी हैं।

  • प्राकृतिक रोशनी: पक्षियों को थोड़ी देर सूर्य की रोशनी में रखें, लेकिन सीधा और ज्यादा धूप से बचाएँ।

  • डॉक्टर की सलाह लें: किसी भी लक्षण पर तुरंत पशु-चिकित्सक (Avian Vet) से संपर्क करें।

  • आई ड्रॉप्स और मेडिसिन: डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं और ड्रॉप्स का ही उपयोग करें।

पक्षियों की आंखें बहुत नाजुक होती हैं, इसलिए समय रहते लक्षण पहचानना और सही इलाज करवाना जरूरी है। यदि आपने अपने पालतू पक्षी में आंखों से संबंधित कोई भी असामान्य व्यवहार देखा हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपके पक्षी के जीवन को बेहतर बना सकती है।

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