जानें डायरिया के शिकार कैसे होते हैं पक्षी, जानें लक्षण और इलाज
Diarrhea in birds: डायरिया जिसे आम बोलचाल में दस्त कहा जाता है, न केवल इंसानों में बल्कि पक्षियों में भी एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह पक्षी की जान भी ले सकता है।डायरिया का मतलब है बार-बार ढीला या पानी जैसा मल त्यागना। जब पक्षी का मल गीला, चिपचिपा या बदबूदार हो जाता है, तो यह डायरिया का संकेत हो सकता है।
डायरिया के कारण
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संक्रमण (Infection):
बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण पेट में संक्रमण हो सकता है। -
गलत खाना:
बासी, जहरीला या असंतुलित आहार खाने से भी दस्त हो सकते हैं। -
तनाव (Stress):
नया वातावरण, पिंजरा बदलना या अकेलापन भी कारण हो सकता है। -
दवाईयों का साइड इफेक्ट:
एंटीबायोटिक या अन्य दवाओं से कभी-कभी पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है। -
पानी की गुणवत्ता:
गंदा या संक्रमित पानी पीने से भी डायरिया हो सकता है।
लक्षण
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पतला, पानी जैसा या हरे रंग का मल
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मल के साथ गंध का बढ़ जाना
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पंखों का उलझ जाना या गीला होना
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सुस्ती और खाने में रुचि कम होना
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वजन कम होना
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इलाज और देखभाल
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स्वच्छता बनाए रखें:
पिंजरा और बर्तन रोज साफ करें। -
पानी बदलें:
रोज़ ताज़ा और साफ पानी दें। -
सादा भोजन दें:
हाजमा ठीक करने के लिए बाजरा, दाना या उबला हुआ चावल दें। -
इलाज करवाएं:
किसी अनुभवी पशु-चिकित्सक (vet) से तुरंत संपर्क करें। -
प्रोबायोटिक्स दें (Vet की सलाह से):
पेट की गड़बड़ी सुधारने में सहायक होते हैं।
क्या न करें
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बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई न दें
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गंदा खाना या बासी फल न खिलाएं
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बीमार पक्षी को दूसरों के साथ न रखें – संक्रमण फैल सकता है
बचाव ही सबसे अच्छा इलाज
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रोज़ाना सफाई करें
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संतुलित आहार दें
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तनाव से बचाएं
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नियमित रूप से पक्षी की स्थिति की निगरानी करें
नोट: अगर पक्षी की हालत 24 घंटे से ज़्यादा खराब रहे, तो उसे तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाएं।
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