Diarrhea in birds: डायरिया जिसे आम बोलचाल में दस्त कहा जाता है, न केवल इंसानों में बल्कि पक्षियों में भी एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह पक्षी की जान भी ले सकता है।डायरिया का मतलब है बार-बार ढीला या पानी जैसा मल त्यागना। जब पक्षी का मल गीला, चिपचिपा या बदबूदार हो जाता है, तो यह डायरिया का संकेत हो सकता है।

डायरिया के कारण

  1. संक्रमण (Infection):
    बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण पेट में संक्रमण हो सकता है।

  2. गलत खाना:
    बासी, जहरीला या असंतुलित आहार खाने से भी दस्त हो सकते हैं।

  3. तनाव (Stress):
    नया वातावरण, पिंजरा बदलना या अकेलापन भी कारण हो सकता है।

  4. दवाईयों का साइड इफेक्ट:
    एंटीबायोटिक या अन्य दवाओं से कभी-कभी पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है।

  5. पानी की गुणवत्ता:
    गंदा या संक्रमित पानी पीने से भी डायरिया हो सकता है।

लक्षण

  • पतला, पानी जैसा या हरे रंग का मल

  • मल के साथ गंध का बढ़ जाना

  • पंखों का उलझ जाना या गीला होना

  • सुस्ती और खाने में रुचि कम होना

  • वजन कम होना

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 इलाज और देखभाल

  1. स्वच्छता बनाए रखें:
    पिंजरा और बर्तन रोज साफ करें।

  2. पानी बदलें:
    रोज़ ताज़ा और साफ पानी दें।

  3. सादा भोजन दें:
    हाजमा ठीक करने के लिए बाजरा, दाना या उबला हुआ चावल दें।

  4. इलाज करवाएं:
    किसी अनुभवी पशु-चिकित्सक (vet) से तुरंत संपर्क करें।

  5. प्रोबायोटिक्स दें (Vet की सलाह से):
    पेट की गड़बड़ी सुधारने में सहायक होते हैं।

 क्या न करें

  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई न दें

  • गंदा खाना या बासी फल न खिलाएं

  • बीमार पक्षी को दूसरों के साथ न रखें – संक्रमण फैल सकता है

 बचाव ही सबसे अच्छा इलाज

  • रोज़ाना सफाई करें

  • संतुलित आहार दें

  • तनाव से बचाएं

  • नियमित रूप से पक्षी की स्थिति की निगरानी करें

नोट: अगर पक्षी की हालत 24 घंटे से ज़्यादा खराब रहे, तो उसे तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाएं।

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