Birds feather disease:पक्षियों की सुंदरता का एक प्रमुख हिस्सा उनके रंग-बिरंगे पंख होते हैं। पंख न केवल उन्हें उड़ने में सहायता करते हैं, बल्कि उन्हें मौसम से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन कुछ पक्षियों को एक खतरनाक बीमारी का सामना करना पड़ता है, जिसे “पंखों की बीमारी” (Feather Disease) कहा जाता है। यह बीमारी न केवल उनकी उड़ने की क्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि उनकी जीवन प्रत्याशा पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती है।

पंखों की बीमारी क्या है?

पंखों की बीमारी कई प्रकार की हो सकती है, लेकिन सबसे आम और खतरनाक रोग है Psittacine Beak and Feather Disease (PBFD)। यह एक वायरल संक्रमण है जो तोतों और अन्य रंगीन पक्षियों को प्रभावित करता है। यह वायरस उनके पंख, चोंच और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।

लक्षण

  • पंखों का झड़ना या असामान्य रूप से बढ़ना

  • चोंच का टेढ़ा-मेढ़ा या कमजोर होना

  • त्वचा पर घाव या संक्रमण

  • सुस्ती और खाना कम खाना

  • बार-बार बीमार पड़ना (कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र के कारण)

कारण

यह बीमारी मुख्य रूप से एक वायरस (Circovirus) के कारण होती है। यह संक्रमित पक्षियों के पंख, मल, या भोजन और पानी के माध्यम से फैलती है। यदि कोई पक्षी इस वायरस से संक्रमित होता है, तो वह अन्य पक्षियों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है।

रोकथाम और इलाज

PBFD का कोई विशेष इलाज नहीं है, इसलिए रोकथाम ही इसका सबसे अच्छा उपाय है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • संक्रमित पक्षियों को अलग रखें

  • पक्षियों के पिंजरे और बर्तन साफ-सुथरे रखें

  • नए पक्षी को लाने से पहले क्वारंटीन में रखें

  • नियमित रूप से पशु चिकित्सक से जांच कराएं

पंखों की बीमारी पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है यदि समय पर पहचान और रोकथाम न की जाए। हमें अपने पालतू पक्षियों की देखभाल में सतर्क रहना चाहिए और उनके स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहना चाहिए। स्वच्छता और समय-समय पर जांच से इस गंभीर बीमारी से बचाव संभव है।

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