Pigeons:कबूतर पालने का शौक आज भी कई लोगों को होता है। ये शांत स्वभाव और अपने घर लौट आने की प्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं। लेकिन जैसे इंसानों को बीमारियाँ होती हैं, वैसे ही कबूतरों को भी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं जिनमें से एक आम समस्या है खुजली।

अगर आपके कबूतर बार-बार अपने पंख या शरीर को चोंच से खुजाते हैं, पंख झड़ने लगे हैं या वे बेचैन रहते हैं, तो यह खुजली या त्वचा रोग (skin infection) का संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं कि इसका घरेलू इलाज कैसे किया जा सकता है।

खुजली के कारण

  1. परजीवी (Parasites) – जैसे की माइट्स (mites) और lice जो पंखों और त्वचा में रहकर खुजली करते हैं।

  2. गंदगी या नमी – गंदा या नम दाना-पानी और गंदा पिंजरा।

  3. असंतुलित आहार – पोषण की कमी से प्रतिरक्षा कमजोर होती है।

  4. अन्य पक्षियों से संक्रमण – संक्रमित कबूतरों के संपर्क से।

 घरेलू इलाज

1. नीम का पानी स्प्रे करें

  • विधि: 15-20 नीम की पत्तियों को उबालकर ठंडा कर लें और छान लें। इस पानी को स्प्रे बोतल में भर लें।

  • उपयोग: दिन में एक बार कबूतर के पंखों और शरीर पर हल्के से छिड़कें।

  • लाभ: नीम में एंटीसेप्टिक और एंटीपैरासाइट गुण होते हैं जो खुजली को दूर करते हैं।

2. दीया वाली रा ख (मिट्टी के दीये की राख)

  • विधि: पुराने मिट्टी के दीयों की राख को इकट्ठा कर लें।

  • उपयोग: इसे हल्के हाथों से कबूतर के पंखों और शरीर पर मलें।

  • लाभ: यह माइट्स और कीटों को खत्म करने में सहायक होती है।

3. सरसों का तेल + हल्दी

  • विधि: 2 चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी मिलाकर गुनगुना करें।

  • उपयोग: रुई की मदद से यह तेल खुजली वाले स्थान पर हल्के से लगाएँ।

  • लाभ: यह एंटीबैक्टीरियल होता है और खुजली में राहत देता है।

4. राख + नीम पत्ता + धूप

  • पुराने कबूतरखाने या पिंजरे को अच्छी तरह साफ करें।

  • राख और सूखी नीम की पत्तियों को मिलाकर वहां छिड़कें।

  • प्रतिदिन थोड़ी देर के लिए पिंजरे को धूप में रखें।

5. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)

  • विधि: 1 लीटर पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर कबूतर को नहलाएं या थोड़ा-सा पीने के पानी में मिलाएं (हफ्ते में 1 बार)।

  • लाभ: शरीर के pH को संतुलित करता है और संक्रमण से बचाता है।

साफ-सफाई है सबसे जरूरी

  • पिंजरे को हर 2-3 दिन में धोएं।

  • दाना और पानी हर रोज़ ताजा दें।

  • बीमार कबूतर को बाकी से अलग रखें।

सावधानी

  • घरेलू इलाज के साथ अगर 4-5 दिन में सुधार न दिखे, तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें।

  • कोई भी स्प्रे आंखों या चोंच में न जाए।

कबूतरों में खुजली कोई बड़ी बीमारी नहीं है, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। घरेलू उपायों से आप इसे शुरू में ही रोक सकते हैं। नीम, राख, हल्दी जैसे देसी नुस्खे पुराने जमाने से पक्षियों की देखभाल में कारगर रहे हैं। थोड़ी सी देखभाल और साफ-सफाई से आपके प्यारे कबूतर रहेंगे स्वस्थ और मस्त।

गर्मियों में कबूतरों को खाने में ज़रूर दें ये 5 दाने, स्वास्थ्य के लिए होता है अमृत समान

Best Seeds for birds:पक्षियों के लिए कौन सा बीज होते है बेस्ट, जानें

किन पक्षियों को होता है पॉलीओमावायरस का सबसे ज्यादा खतरा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय