Pigeon breeding Tips:कबूतरों का पालन भारत में प्राचीन समय से होता आ रहा है। आज भी बहुत से लोग इसे शौक और व्यवसाय दोनों रूप में करते हैं। यदि आप कबूतरों की सफल ब्रीडिंग (प्रजनन) करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कुछ ज़रूरी टिप्स को अपनाकर आप अच्छे नतीजे पा सकते हैं।

1. सही जोड़ी का चुनाव करें

कबूतरों की ब्रीडिंग के लिए एक स्वस्थ नर और मादा कबूतर का चुनाव करें। यह देख लें कि दोनों कबूतर एक-दूसरे को पसंद करें और मिलकर एक ही स्थान पर बैठने लगें। यह सफल ब्रीडिंग की पहली निशानी है।

2. स्वस्थ वातावरण

ब्रीडिंग के लिए साफ-सुथरा और शांत वातावरण ज़रूरी है। कबूतरों को किसी प्रकार की परेशानी न हो — जैसे तेज़ आवाज़, जानवरों का डर, या गंदगी — इसका पूरा ध्यान रखें।

3. अच्छा भोजन और पोषण

प्रजनन काल में कबूतरों को खास पोषण देना ज़रूरी है। बाजरा, मकई, गेहूं, सूरजमुखी के बीज, और हरी सब्ज़ियां उन्हें दें। साथ ही, कैल्शियम सप्लिमेंट जैसे कटल बोन या मिनरल ब्लॉक भी जरूर दें ताकि अंडे मजबूत बन सकें।

4. घोंसला तैयार करें

मादा कबूतर अंडे देने के लिए सुरक्षित और नरम स्थान चाहती है। एक छोटा टोकरीनुमा घोंसला तैयार करें, जिसमें सूखी घास, पुआल या नारियल की जटा रखें। हर जोड़ी के लिए अलग घोंसला रखें ताकि झगड़े न हों।

5. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें

ब्रीडिंग के दौरान गंदगी बीमारियों को जन्म देती है। पिंजरा या कोठरी को नियमित रूप से साफ करें। दाना-पानी बासी न हो, रोज़ाना बदलें।

6. अंडों का ध्यान रखें

मादा कबूतर आमतौर पर 2 अंडे देती है। अंडे देने के बाद नर और मादा दोनों मिलकर उन्हें सेते हैं। इस दौरान उन्हें तंग न करें और घोंसले को हिलाएं नहीं।

7. चूजों की देखभाल

अंडे से बच्चे निकलने में लगभग 17–19 दिन लगते हैं। चूजों को शुरू में माँ-बाप “पिजन मिल्क” नामक एक द्रव्य खिलाते हैं। एक हफ्ते बाद आप धीरे-धीरे मुलायम दाने देना शुरू कर सकते हैं।

8. स्वास्थ्य की जांच कराएं

ब्रीडिंग के दौरान अगर कोई कबूतर सुस्त या बीमार लगे, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। नियमित टीकाकरण और दवाइयों की जानकारी भी रखें।

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