फैटी लिवर डिज़ीज़ क्या है? पक्षियों को इस समस्या से कैसे बचाएं
Fatty Liver Disease: हम अक्सर सोचते हैं कि फैटी लिवर केवल इंसानों की बीमारी है, लेकिन यह समस्या पक्षियों में भी पाई जाती है। खासकर पालतू पक्षी जैसे तोता (Parrot), कॉकटेल (Cockatiel), बड्रीगर (Budgerigar) आदि में यह बीमारी आम होती जा रही है। समय पर इसका पता न लगाया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
फैटी लिवर डिज़ीज़ क्या है?
जब पक्षी के लिवर (यकृत) में जरूरत से ज्यादा वसा (Fat) जमा हो जाती है, तो उसे फैटी लिवर डिज़ीज़ कहा जाता है। इससे लिवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है और पूरे शरीर पर असर पड़ता है।
किन पक्षियों में यह बीमारी ज्यादा होती है?
-
पालतू तोते
-
कॉकटेल (Cockatiel)
-
लवबर्ड्स
-
कनीरिज (Canaries)
-
बड्रीगर (Budgies)
यह बीमारी आमतौर पर अधिक मोटे, असक्रिय (कम उड़ने वाले) और गलत खानपान वाले पक्षियों में देखी जाती है।
लक्षण (Symptoms)
-
पंखों का गिरना या बेजान दिखना
-
सुस्ती या उड़ने में रुचि नहीं होना
-
अचानक मौत (गंभीर अवस्था में)
-
भूख कम लगना
-
पेट में सूजन
-
सांस लेने में तकलीफ
-
कभी-कभी खून की उल्टी या मल
कारण (Causes)
-
बहुत अधिक बीजों (Seeds) का सेवन, खासकर सूरजमुखी के बीज
-
विटामिन E और कोलीन (Choline) की कमी
-
व्यायाम की कमी
-
शर्करा (Sugar) और फैट युक्त भोजन
-
आनुवंशिक (Genetic) कारण — कुछ प्रजातियाँ ज्यादा संवेदनशील होती हैं
जांच और निदान (Diagnosis)
-
पशु चिकित्सक (Avian Vet) द्वारा शारीरिक जांच
-
रक्त जांच और लिवर फंक्शन टेस्ट
-
एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड से लिवर की स्थिति देखना
इलाज और देखभाल (Treatment)
-
परहेज़ वाला आहार: बीज की मात्रा घटाकर हरी सब्ज़ियाँ, फल और विशेष तैयार की गई पक्षियों की डाइट देना
-
विटामिन सप्लीमेंट्स, खासकर Vitamin E और Choline
-
नियमित उड़ान और व्यायाम
-
वज़न कम करना
-
गंभीर मामलों में दवाइयाँ और सपोर्टिव थेरेपी
बचाव के उपाय
-
संतुलित और पौष्टिक आहार देना
-
बीजों की मात्रा सीमित करना
-
हरी सब्ज़ियाँ जैसे पालक, मेथी, ब्रोकली देना
-
विटामिन सप्लीमेंट्स समय-समय पर देना
-
पक्षी को रोज़ाना उड़ने का समय देना
-
मोटापे से बचाना
0 Comment