प्रकृति में पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कबूतरों की विभिन्न जातियाँ विशेष रूप से आकर्षक होती हैं। इनमें से दो विशेष प्रजातियाँ हैं — सफेद कॉलर वाला कबूतर और सफेद ताज वाला कबूतर। ये दोनों पक्षी अपनी सुंदरता, रहन-सहन और विशिष्ट भौगोलिक वितरण के कारण जाने जाते हैं।

1 सफेद कॉलर वाला कबूतर (White-collared Pigeon)

वैज्ञानिक नाम: Columba albitorques
परिवार: Columbidae
मूल स्थान: पूर्वी अफ्रीका, विशेष रूप से इथियोपिया और इरिट्रिया के ऊँचे पहाड़ी क्षेत्र

विशेषताएँ

  • इस कबूतर की गर्दन के चारों ओर एक स्पष्ट सफेद पट्टी होती है, जो इसे “सफेद कॉलर” वाला नाम देती है।

  • शरीर आमतौर पर भूरे या धूसर रंग का होता है।

  • यह पक्षी मुख्यतः चट्टानी क्षेत्रों और ऊँचाई पर बसे जंगलों में पाया जाता है।

आहार और व्यवहार

  • यह बीज, छोटे फल और पौधों के अन्य भागों को खाता है।

  • शांत और झुंड में रहने वाला पक्षी है।

सफेद ताज वाला कबूतर (White-crowned Pigeon)

वैज्ञानिक नाम: Patagioenas leucocephala
परिवार: Columbidae
मूल स्थान: कैरिबियन द्वीप समूह, दक्षिण फ्लोरिडा और बहामा

विशेषताएँ

  • इस कबूतर का सिर चमकदार सफेद रंग का होता है, जिससे इसे “सफेद ताज” वाला कबूतर कहा जाता है।

  • इसका बाकी शरीर गहरे स्लेटी या काले रंग का होता है।

  • यह पक्षी नम और तटीय मैंग्रोव जंगलों में पाया जाता है।

आहार और व्यवहार:

  • यह मुख्यतः फलाहारी पक्षी है, विशेष रूप से जंगली फलों का सेवन करता है।

  • यह बहुत सतर्क और संकोची स्वभाव का होता है।

पर्यावरणीय महत्व और संरक्षण

दोनों प्रजातियाँ अपने-अपने पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जैसे बीजों का प्रसार करना। हालाँकि, सफेद ताज वाले कबूतर को शिकार और निवास स्थान की हानि के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है और इसे Near Threatened श्रेणी में रखा गया है। वहीं, सफेद कॉलर वाला कबूतर अपेक्षाकृत सुरक्षित है, लेकिन जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियाँ इनके लिए भविष्य में खतरा बन सकती हैं।

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