पक्षियों में पाई जाने वाली आम बीमारियाँ कौन सी हैं? जानें लक्षण और उपचार
Common Disease In Birds: पक्षी हमारे पर्यावरण का एक अहम हिस्सा हैं। लेकिन कई बार साफ-सफाई की कमी, गलत खान-पान, या मौसम के बदलाव के कारण ये बीमार पड़ जाते हैं। अगर समय रहते इनकी बीमारियों की पहचान और सही इलाज न किया जाए, तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। आइए पक्षियों में होने वाली कुछ सामान्य बीमारियों के बारे में जानते हैं।
1. सर्दी-जुकाम (Cold & Flu)
यह पक्षियों में सबसे आम बीमारी है। खासकर ठंड के मौसम में या हवा के सीधे संपर्क में आने से पक्षियों को सर्दी-जुकाम हो जाता है।
लक्षण: छींकना, आंखों से पानी आना, पंख फुलाकर बैठे रहना।
उपचार: पक्षी को गर्म और सूखी जगह पर रखें। विटामिन C और मल्टीविटामिन युक्त आहार दें।
2. श्वसन संक्रमण (Respiratory Infection)
धूल, धुआं, या गंदे पिंजरे के कारण पक्षियों के फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है।
लक्षण: सांस लेने में कठिनाई, आवाज में बदलाव, चोंच खोलकर सांस लेना।
उपचार: तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। एंटीबायोटिक दवा दी जा सकती है।
3. फेदर प्लकिंग (Feather Plucking)
तनाव, पोषण की कमी या परजीवी संक्रमण के कारण पक्षी अपने पंख नोचने लगते हैं।
लक्षण: पंख झड़ना या टूटना, त्वचा पर घाव।
उपचार: संतुलित भोजन दें, पर्याप्त रोशनी और खेलने का वातावरण बनाएं।
4. माइट्स और लाइस (Mites & Lice Infection)
यह त्वचा पर छोटे परजीवी होते हैं जो खून चूसते हैं।
लक्षण: पंख झड़ना, लगातार खुजली करना, बेचैनी।
उपचार: पिंजरे और पक्षी दोनों पर एंटी-माइट स्प्रे का उपयोग करें।
5. पाचन तंत्र की समस्या (Digestive Problems)
गलत खाना या गंदा पानी पीने से पक्षियों को पेट से जुड़ी बीमारियाँ हो जाती हैं।
लक्षण: दस्त, भूख कम लगना, सुस्ती।
उपचार: साफ पानी दें, हरा चारा और फलों का सेवन कराएं।
6. एवियन पॉक्स (Avian Pox)
यह एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों के काटने या संक्रमित पक्षी के संपर्क से फैलती है।
लक्षण: आंखों, चोंच या पैरों पर छोटे-छोटे दाने।
उपचार: संक्रमित पक्षी को अलग रखें और साफ-सफाई पर ध्यान दें।
रोकथाम के उपाय:
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पक्षियों के पिंजरे को नियमित रूप से साफ करें।
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साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराएं।
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संतुलित भोजन दें।
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बीमार पक्षी को तुरंत अलग रखें।
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समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच करवाएं।

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