pigeon: बरसात का मौसम जहाँ धरती को ठंडक और हरियाली देता है, वहीं यह पक्षियों के लिए चुनौतियों भरा समय होता है। विशेष रूप से कबूतरों को इस मौसम में अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। अधिक नमी, ठंड और भोजन की कमी उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। आइए जानते हैं कि बरसात के मौसम में कबूतरों की उचित देखभाल कैसे की जाए।

सुरक्षित और सूखा आश्रय दें

बारिश में सबसे जरूरी है कबूतरों को एक सूखा और गर्म स्थान प्रदान करना। उनका पिंजरा या रहने का स्थान ऐसा हो जो बारिश के पानी से पूरी तरह सुरक्षित हो।

  • छत वाला पिंजरा रखें ताकि पानी अंदर न आए।

  • हवा और नमी से बचाव के लिए पिंजरे के चारों ओर प्लास्टिक या तिरपाल लगाएं।

  • फर्श को लकड़ी या सूखे घास से ढकें ताकि नमी से बचा जा सके।

भोजन की विशेष व्यवस्था

बारिश के कारण कबूतरों को बाहर जाकर दाना ढूंढना मुश्किल हो जाता है, इसलिए:

  • रोज़ाना ताजा और सूखा दाना दें (मक्का, ज्वार, बाजरा आदि)।

  • दाने को सूखे और ढंके हुए बर्तन में रखें ताकि वह गीला न हो।

  • समय-समय पर विटामिन सप्लीमेंट दें ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।

पानी की सफाई का ध्यान रखें

नमी के कारण बैक्टीरिया और फंगस जल्दी पनपते हैं।

  • पीने के पानी को रोज़ाना बदलें।

  • पानी के बर्तन को साफ और कीटाणुरहित रखें।

  • गुनगुना पानी दें, खासकर जब मौसम बहुत ठंडा हो।

नियमित स्वास्थ्य जांच

बरसात में कबूतरों को सर्दी, फंगल इंफेक्शन और सांस संबंधी बीमारियाँ अधिक होती हैं।

  • यदि कबूतर सुस्त हो, कम खाए या बार-बार छींकता हो, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

  • पंखों और पंजों की नियमित जांच करें, कोई घाव या फफूंदी तो नहीं है।

  • कबूतरों को समय-समय पर धूप में बैठने दें, जब मौसम साफ हो।

स्वच्छता बनाए रखें

स्वच्छ वातावरण कबूतरों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

  • पिंजरे की सफाई हर 2-3 दिन में करें।

  • गंदगी, पंख और मल को समय पर हटाएं।

  • पिंजरे में अधिक नमी न होने दें – यह संक्रमण का मुख्य कारण बन सकती है।

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