**बजरिगर पक्षी के बारे में खास बातें (Budgerigar)**

बजरिगर, जिसे आमतौर पर “बड्डी” भी कहा जाता है, एक छोटा, रंगीन और बहुत ही प्यारा पक्षी है। इसका वैज्ञानिक नाम *Melopsittacus undulatus* है, और यह ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी है। बजरिगर को दुनिया भर में पालतू पक्षी के रूप में पाला जाता है। इसकी खूबसूरती, चंचलता और खासियत इसे न केवल पालतू पक्षियों के रूप में लोकप्रिय बनाती है, बल्कि यह कई घरों में खुशी और ऊर्जा का स्रोत बन जाता है। यह पक्षी अपनी मधुर आवाज, रंगीन पंख और सामाजिक स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। चलिए जानते हैं बजरिगर के बारे में कुछ खास बातें, जो इसे एक अद्वितीय और प्यारा पक्षी बनाती हैं।

### 1. **आकार और रंग**
बजरिगर आकार में छोटा होता है, जिसकी लंबाई लगभग 6 से 7 इंच तक होती है और वजन 30 से 40 ग्राम के आसपास होता है। बजरिगर के पंखों का आकार भी छोटे होते हैं, लेकिन इसकी चपलता और उड़ान क्षमता अद्वितीय होती है। बजरिगर के रंगों की बात करें तो यह पक्षी कई रंगों में पाया जाता है। इसकी पारंपरिक रंगत हरी और पीली होती है, लेकिन अब इसे नीले, सफेद, काले, और अन्य रंगों में भी ब्रीड किया गया है। इसके शरीर का ऊपरी हिस्सा आमतौर पर हरा होता है और पेट पीला। लेकिन, इसके विभिन्न रंगों के संयोजन इसे एक खूबसूरत पक्षी बनाते हैं।

### 2. **स्वभाव और व्यवहार**
बजरिगर बहुत ही चंचल और मिलनसार होता है। यह अत्यधिक सामाजिक पक्षी है और यह अपने मालिक और अन्य पालतू पक्षियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाता है। बजरिगर को अकेला रखना उसे मानसिक तनाव दे सकता है, क्योंकि ये अपनी जोड़ी और अन्य पक्षियों के साथ ही खुश रहते हैं। अगर आप एक बजरिगर पालते हैं, तो यह बेहतर होगा कि आप इसके साथ दूसरा बजरिगर भी रखें, ताकि वह उदास और अकेला महसूस न करें।

बजरिगर अपने मालिक से जुड़ने में काफी तेज़ होता है। यह बेहद प्यारा होता है और अपने मालिक को पहचानने में कोई समय नहीं लेता। जब आप इसे अपने हाथ से खिलाते हैं या इसकी देखभाल करते हैं, तो यह आपको अपना दोस्त मानता है और आपके साथ समय बिताने में खुशी महसूस करता है। बजरिगर अपनी सामाजिक प्रवृत्तियों के कारण परिवार के अन्य सदस्यों से भी अच्छे संबंध बनाता है।

### 3. **आहार**
बजरिगर का आहार मुख्य रूप से बीजों का मिश्रण होता है। इन्हें सूरजमुखी, बाजरा, तिल, और अन्य छोटे बीज बहुत पसंद होते हैं। इसके अलावा, इन्हें ताजे फल और सब्जियों का भी सेवन कराया जा सकता है, जैसे सेब, गाजर, पालक, पपीता, अंगूर और केला। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, कैफीन, और शराब से बजरिगर को दूर रखना चाहिए, क्योंकि ये उनके लिए विषैले हो सकते हैं। इसके अलावा, इनको हमेशा ताजे और स्वच्छ पानी की आवश्यकता होती है।

### 4. **संचार और आवाज़**
बजरिगर के पास गाने और बोलने की अद्वितीय क्षमता होती है। यह अपने मालिक और अन्य पक्षियों से संवाद करने के लिए विभिन्न प्रकार की आवाज़ें निकालता है। बजरिगर के नर पक्षी खासकर बहुत अच्छा गाते हैं, और उनकी चहचहाहट और बड़बड़ाने की आवाज़ सुनना बहुत सुखद होता है। कुछ बजरिगर तो इंसान की बोली की नकल भी करते हैं। इस कारण, यह पक्षी न केवल अपने मालिक के साथ संपर्क बनाता है, बल्कि घर के अन्य लोगों को भी अपनी आवाज़ से खुश करता है। इसका गाना अक्सर मधुर और सुखद होता है, जो वातावरण को खुशमिजाज बनाता है।

### 5. **प्रजनन और ब्रीडिंग**
बजरिगर की प्रजनन क्षमता बहुत अधिक होती है। यह आमतौर पर हर साल 1-2 बार प्रजनन करता है और मादा लगभग 4 से 6 अंडे देती है। यह अंडे 18 से 21 दिनों के बाद इन्क्यूबेट होते हैं, और फिर इनसे छोटे-छोटे चूजे निकलते हैं। चूजे अपने माता-पिता से कुछ हफ्तों तक पोषक तत्वों की प्राप्ति करते हैं और तब तक खुद से नहीं खा सकते। जब बच्चे लगभग 4-6 सप्ताह के हो जाते हैं, तब वे स्वतंत्र रूप से खाने और उड़ने में सक्षम होते हैं। इस प्रक्रिया में, नर और मादा दोनों मिलकर बच्चों की देखभाल करते हैं।

### 6. **स्वास्थ्य और देखभाल**
बजरिगर को स्वस्थ रखने के लिए कई बातों का ध्यान रखना होता है। सबसे पहले, इसे एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में रखा जाना चाहिए, जहां तापमान बहुत अधिक न हो और न ही बहुत ठंडा। बजरिगर को ठंड से बचाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह पक्षी गर्मी पसंद करता है। इसके अलावा, यह पक्षी बहुत सक्रिय होता है, इसलिए उसे खेलने के लिए पर्याप्त जगह दी जानी चाहिए, ताकि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सके। इसके पंखों और शरीर की नियमित सफाई भी जरूरी है। साथ ही, बजरिगर को सही आहार और पर्याप्त पानी दिया जाना चाहिए।

### 7. **जीवनकाल**
बजरिगर का औसत जीवनकाल 5 से 10 साल के बीच होता है, लेकिन सही देखभाल और अच्छे वातावरण में इसे 15 साल तक भी जीवित रखा जा सकता है। इसके जीवनकाल को बढ़ाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि इसे मानसिक उत्तेजना, अच्छा आहार, और शारीरिक गतिविधि मिले। अगर इसे अकेला रखा जाए और इसकी देखभाल में लापरवाही बरती जाए, तो यह जल्दी ही बीमार हो सकता है और जीवनकाल कम हो सकता है।

### 8. **पालतू के रूप में लोकप्रियता**
बजरिगर का पालतू पक्षी के रूप में दुनिया भर में बहुत ही उच्च स्थान है। इसका कारण इसका छोटा आकार, रंगीन पंख, प्यारा स्वभाव और गाने की क्षमता है। बजरिगर को पालतू के रूप में रखना आसान होता है और यह अपने मालिक के साथ बहुत जल्दी जुड़ जाता है। इसका स्वभाव बहुत ही मिलनसार और चंचल होता है, जो इसे बच्चों और बड़ों दोनों के लिए आदर्श पालतू बना देता है। इसके अलावा, बजरिगर की देखभाल करना भी सरल होता है, और यह कम खर्चीला पालतू होता है।

### 9. **सामाजिक स्वभाव**
बजरिगर अपनी सामाजिकता के कारण बहुत लोकप्रिय है। यह पक्षी समूह में रहने की प्रवृत्ति रखता है, और इसीलिए इसे अकेला नहीं रखा जाना चाहिए। अगर आप बजरिगर पाल रहे हैं, तो एक जोड़ी रखना बेहतर होता है, ताकि वे एक-दूसरे के साथ खेल सकें और खुश रह सकें। अगर इसे अकेला रखा जाता है तो यह उदास हो सकता है और उसका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

### 10. **रंगों की विविधता**
बजरिगर के रंगों की बहुत विविधता है। जबकि पारंपरिक बजरिगर हरे और पीले रंग का होता है, अब विभिन्न ब्रीडिंग तकनीकों की मदद से बजरिगर को नीले, सफेद, काले और अन्य रंगों में भी उत्पन्न किया गया है। इस विविधता के कारण, बजरिगर को विभिन्न रंगों और प्रकारों में पाया जा सकता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

### निष्कर्ष:
बजरिगर एक अद्वितीय, प्यारा और रंगीन पक्षी है, जो न केवल अपनी सुंदरता और चंचलता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह अपने मालिक के साथ गहरे संबंध भी बनाता है। इसकी छोटी कद-काठी, सोशल स्वभाव, और प्यारी आवाज़ इसे पालतू के रूप में बेहद लोकप्रिय बनाती है। सही देखभाल, अच्छे आहार, और मानसिक उत्तेजना से यह पक्षी कई सालों तक अपने मालिक के साथ खुशी से रह सकता है। इसलिए, अगर आप एक प्यारे और सरल पालतू पक्षी की तलाश कर रहे हैं, तो बजरिगर एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।