Pigeon:कबूतर पालने वालों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने पक्षियों की सेहत पर विशेष ध्यान दें। कबूतरों में “सुखा” या “सुखे की बीमारी” एक आम और गंभीर रोग है, जिसमें कबूतर कमजोर हो जाता है, उसका वजन घटने लगता है, और वह धीरे-धीरे खाना-पीना छोड़ देता है। समय पर इलाज न हो तो यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण और असरदार घरेलू इलाज।

सुखे की बीमारी के लक्षण

  • कबूतर का वजन तेजी से गिरना

  • खाना-पीना कम या बंद कर देना

  • पंख बिखरे हुए और बेजान लगना

  • सुस्त रहना, उड़ने में आलस

  • पेट में सूजन या पतले दस्त

सुखे की बीमारी के कारण

  • लंबे समय तक साफ पानी या संतुलित भोजन न मिलना

  • पेट में कीड़े होना

  • किसी अन्य कबूतर से संक्रमण

  • तनाव या वातावरण में अचानक बदलाव

कबूतरों के सुखे का घरेलू इलाज

  1. हल्दी और शहद का मिश्रण:
    हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। एक चुटकी हल्दी को 3-4 बूंद शुद्ध शहद में मिलाकर कबूतर की चोंच में धीरे से डालें। दिन में एक बार ये उपाय 3-5 दिन तक करें।

  2. लहसुन का पानी:
    1-2 लहसुन की कलियों को एक कप पानी में रातभर भिगो दें। सुबह छानकर यह पानी कबूतर को पिलाएं या पीने के पानी में मिला दें। यह पेट के कीड़ों और संक्रमण में फायदेमंद होता है।

  3. सौंफ का पानी:
    सौंफ को पानी में उबालकर ठंडा करके छान लें। इस पानी को दिन में एक बार पिलाने से कबूतर की पाचन क्रिया सुधरती है।

  4. कच्चा पपीता:
    कच्चे पपीते के छोटे-छोटे टुकड़े दिन में एक बार खिलाएं। यह पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद करता है और भूख भी बढ़ाता है।

  5. एप्पल साइडर विनेगर:
    1 लीटर पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर हफ्ते में 2 बार दें। इससे शरीर की सफाई होती है और संक्रमण से लड़ने में ताकत मिलती है।

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सावधानियां

  • बीमार कबूतर को अलग पिंजरे में रखें ताकि अन्य पक्षियों को संक्रमण न फैले।

  • हर दिन पिंजरे की सफाई करें और ताजा पानी दें।

  • दाने में संतुलन रखें – गेहूं, मक्का, बाजरा आदि मिलाकर खिलाएं।

  • अगर 4-5 दिन में कोई सुधार न हो तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

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