Tail Bobbing:पक्षियों की दुनिया रहस्यों और अनोखी हरकतों से भरी हुई है। उनमें से एक दिलचस्प व्यवहार है – पूंछ हिलाना या “टेल बॉबिंग”। आपने गौर किया होगा कि कुछ पक्षी जैसे कि वैगटेल, रॉबिन या स्पैरो अक्सर चलते समय या किसी सतह पर बैठने के दौरान बार-बार अपनी पूंछ को ऊपर-नीचे करते हैं। यह न सिर्फ देखने में रोचक होता है, बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी छिपे हो सकते हैं।

टेल बॉबिंग क्या है?

टेल बॉबिंग एक ऐसा व्यवहार है जिसमें पक्षी अपनी पूंछ को बार-बार ऊपर-नीचे हिलाते हैं। यह हिलना एक नियमित गति से हो सकता है और अक्सर यह चलने, रुकने या खतरे की स्थिति में देखा जाता है।

टेल बॉबिंग के संभावित कारण

1. संतुलन बनाए रखना

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह व्यवहार पक्षी को चलने या बैठने के दौरान संतुलन बनाने में मदद करता है, खासकर जब वह किसी अस्थिर सतह पर हो।

2. संचार का माध्यम

कुछ पक्षियों के लिए यह एक संकेत हो सकता है — जैसे कि अपने झुंड को सतर्क करना या किसी संभावित खतरे की ओर इशारा करना।

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3. शिकार को आकर्षित करना

कुछ insectivorous (कीट खाने वाले) पक्षियों के लिए पूंछ हिलाना एक तरीका हो सकता है जिससे वे अपने आस-पास के कीड़ों का ध्यान खींच सकें और फिर उन्हें आसानी से पकड़ सकें।

4. ऊर्जा की अधिकता या उत्तेजना

कभी-कभी यह व्यवहार उत्साह या उत्तेजना की स्थिति में भी दिखता है, जैसे कि जब पक्षी किसी संभावित साथी को देखता है या कोई नई चीज़ उसके सामने आती है।

किन पक्षियों में यह व्यवहार सामान्य है?

  • वाइट वैगटेल (White Wagtail) – इसकी तो पहचान ही इसकी हिलती हुई पूंछ है।

  • फैंटेल – यह पक्षी उड़ते समय भी पूंछ को फैन की तरह फैलाता और हिलाता है।

  • स्नोफिंच, स्पैरो और रॉबिन – इनमें भी हल्का पूंछ हिलाना आम देखा गया है।

पक्षियों का पूंछ हिलाना केवल एक साधारण हरकत नहीं है, बल्कि यह उनके व्यवहार, सामाजिक जीवन और जीवविज्ञान से जुड़ा एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह हमें प्रकृति की जटिलता और सुंदरता को समझने का एक और रास्ता देता है।

अगर आप अगली बार किसी पक्षी को इस तरह की हरकत करते देखें, तो ध्यान से देखिए — शायद वह आपको कुछ “कह” रहा हो!

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