Pox In Birds:पक्षियों में कैसे फैलता है पॉक्स, जानें पूरी डिटेल
Pox In Birds:पक्षियों में पॉक्स एक सामान्य लेकिन गंभीर वायरल संक्रमण है, जो खासतौर पर घरेलू और जंगली पक्षियों को प्रभावित करता है। यह बीमारी “एवियन पॉक्सवायरस” (Avian Poxvirus) के कारण होती है। आइए विस्तार से जानते हैं पक्षियों में पॉक्स के कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम के उपाय।
पक्षियों में पॉक्स क्या है?
पॉक्स एक वायरल रोग है जो त्वचा पर दाने, घाव या फोड़े बनाता है। यह रोग दो प्रकार का होता है:
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ड्राई फॉर्म (Dry Form): त्वचा पर सूखे घाव, खासकर चोंच, आंखों, पैर और पंखों के आसपास।
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वेट फॉर्म (Wet Form): मुंह, गले और सांस की नली में घाव, जिससे पक्षी को सांस लेने और खाना निगलने में परेशानी होती है।
यह रोग किन पक्षियों को होता है?
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मुर्गियां
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कबूतर
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तोते
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मोर
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गौरैया
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बत्तखें
घरेलू और जंगली दोनों प्रकार के पक्षी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
पॉक्स कैसे फैलता है?
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संक्रमित मच्छरों के काटने से
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संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से
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दूषित दाने, पानी या पिंजरे से
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इंसानों द्वारा भी वायरस एक पक्षी से दूसरे में पहुँच सकता है (कपड़ों, हाथों या औज़ारों के ज़रिये)
लक्षण क्या हैं?
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चोंच, आंख या पैरों के पास फोड़े या दाने
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आंखों में सूजन या बंद हो जाना
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सांस लेने में तकलीफ (Wet Form में)
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खाना कम खाना या बिल्कुल न खाना
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कमजोर या सुस्त हो जाना
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पंख झड़ना
उपचार कैसे करें?
पॉक्स का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए यह उपाय किए जा सकते हैं:
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संक्रमित पक्षी को बाकी से अलग रखें (Isolation)
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घावों पर एंटीसेप्टिक या आयोडीन लगाएं
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स्वच्छ पानी और पोषणयुक्त खाना दें
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अगर संक्रमण गंभीर हो तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें
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सेकेंडरी इंफेक्शन रोकने के लिए एंटीबायोटिक दिए जा सकते हैं (सिर्फ डॉक्टर की सलाह से)
रोकथाम के उपाय
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मच्छरों को पनपने न दें
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पक्षियों के रहने की जगह साफ-सुथरी रखें
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बीमार पक्षियों को तुरंत अलग करें
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जरूरत पड़ने पर वैक्सीनेशन कराएं (खासकर मुर्गियों के लिए)
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दाने और पानी के बर्तन रोज़ साफ करें
एक गंभीर रोग
पक्षियों में पॉक्स एक गंभीर रोग हो सकता है, खासकर यदि समय रहते इलाज न किया जाए। सही जानकारी, साफ-सफाई और सावधानी से इस रोग को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपके पालतू या फार्म के पक्षी इस रोग के लक्षण दिखा रहे हैं, तो तुरंत उचित कदम उठाना जरूरी है।
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