Baby Bird Care:गर्मियों का मौसम जहां इंसानों के लिए परेशानियां लेकर आता है, वहीं यह पक्षियों और उनके नन्हे बच्चों के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण होता है। तेज धूप, लू और पानी की कमी के कारण छोटे पक्षी बहुत जल्दी बीमार पड़ सकते हैं या फिर उनका जीवन संकट में पड़ सकता है। अगर आपके घर के आसपास किसी पक्षी ने घोंसला बनाया है या आपने किसी घायल अथवा गिरे हुए पक्षी के बच्चे को देखा है, तो उसकी सही देखभाल करना जरूरी है। आइए जानते हैं गर्मियों में पक्षियों के बच्चों की देखभाल कैसे करें:

घोंसले को छांव में रखें

यदि घोंसला खुले में या ऐसी जगह बना है जहां धूप सीधे पड़ती है, तो उसे वहां से न हटाएं, लेकिन आसपास छांव का इंतजाम जरूर करें। आप किसी कपड़े, छाते या कार्डबोर्ड का सहारा लेकर घोंसले को धूप से बचा सकते हैं।

ठंडा और साफ पानी उपलब्ध कराएं

गर्मियों में पानी की कमी से पक्षी जल्दी कमजोर हो जाते हैं। आप घर की छत या बालकनी में एक छोटा कटोरा पानी का रखें। अगर कोई नन्हा पक्षी आपके पास है, तो उसे धीरे-धीरे ड्रॉपर या चम्मच से पानी पिलाएं। पानी गुनगुना या ठंडा न हो, बल्कि सामान्य तापमान का होना चाहिए।

संतुलित आहार दें

छोटे पक्षियों को पचने में आसान आहार दें जैसे- दलिया, उबली मूंग दाल, बारीक किया हुआ फल (जैसे पका हुआ केला, पपीता), और चिड़ियों के लिए बना स्पेशल फॉर्मूला फीड (अगर उपलब्ध हो)। ध्यान रखें कि खाना बहुत गर्म या बासी न हो।

साफ-सफाई का ध्यान रखें

घोंसले और उसके आसपास की जगह को साफ रखना बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार के कीटाणु न पनपें। अगर आप किसी पक्षी के बच्चे को पाले हुए हैं, तो उसके पिंजरे या टोकरी को हर रोज साफ करें।

ज्यादा छूने से बचें

पक्षियों के बच्चों को बार-बार हाथ लगाने से उनके शरीर पर मौजूद प्राकृतिक तेल हट सकते हैं, जिससे उनकी त्वचा और पंखों को नुकसान हो सकता है। केवल जरूरत पड़ने पर ही उन्हें उठाएं।

घायल या कमजोर बच्चे को तुरंत सहायता दें

अगर कोई पक्षी का बच्चा घायल हो गया है या बहुत कमजोर लग रहा है, तो पास के किसी पशु चिकित्सक या बर्ड रेस्क्यू सेंटर से संपर्क करें। घर पर इलाज करने की बजाय विशेषज्ञ की राय लें।

घोंसले की सुरक्षा करें

बिल्लियों, कौवों या बंदरों से घोंसले को बचाना भी जरूरी है। आप घोंसले के पास कुछ डराने वाली वस्तुएं जैसे CD, झिलमिल रिबन आदि टांग सकते हैं जिससे अन्य जानवर दूर रहें।

शांत वातावरण दें

तेज आवाज, बच्चे की चिल्लाहट, टीवी या म्यूजिक सिस्टम की आवाज पक्षियों के बच्चों को डरा सकती है। कोशिश करें कि उनके आस-पास का वातावरण शांत और सुकूनदायक हो।

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