Pigeon Skin Infection: कबूतरों की मुलायम त्वचा (Skin) उनके शरीर का एक बेहद नाज़ुक हिस्सा होती है। अगर उसकी सही देखभाल न की जाए तो स्किन इन्फेक्शन जल्दी फैल सकता है। स्किन की बीमारी न सिर्फ कबूतर की सुंदरता को बिगाड़ती है, बल्कि उसकी उड़ान, भूख और स्वास्थ्य पर भी असर डालती है।

कबूतरों में स्किन इन्फेक्शन के कारण

  1. माइट्स (Mites) या जूं (Lice): यह सबसे आम कारण है। ये छोटे कीट त्वचा पर रहते हैं और लगातार खुजली व जलन पैदा करते हैं।

  2. गंदा वातावरण: गंदे दाने, गंदा पानी या गंदा कबूतरखाना स्किन इन्फेक्शन की जड़ होते हैं।

  3. फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण: नमी और गर्मी वाले मौसम में फंगल इन्फेक्शन तेजी से फैलता है।

  4. कमज़ोर इम्यून सिस्टम: पौष्टिक आहार की कमी से कबूतर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता घटती है।

  5. घाव या चोट: किसी भी छोटे घाव से संक्रमण फैल सकता है।

स्किन इन्फेक्शन के लक्षण:

  • बार-बार खुजली करना या पंख नोचना

  • त्वचा पर लालपन या दाने

  • पंख झड़ना

  • बदबू या मवाद निकलना

  • बेचैनी और खाने से अरुचि

  • बार-बार पंख झटकना

उपचार और घरेलू उपाय

1.कबूतर को अलग रखें:

संक्रमित कबूतर को तुरंत बाकी पक्षियों से अलग करें ताकि बीमारी न फैले।

2. कबूतरखाने की सफाई:

हर रोज़ पिंजरा साफ़ करें। फर्श पर सूखी मिट्टी या राख डालें ताकि नमी न बने।

3. नारियल तेल और नीम का तेल:

1 चम्मच नारियल तेल में कुछ बूंदें नीम के तेल की मिलाकर हल्के हाथों से प्रभावित जगह पर लगाएँ। यह फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन दोनों को रोकता है।

4. नहाने के पानी में दवा:

कबूतर को नहलाते समय पानी में थोड़ा-सा पोटेशियम परमैंगनेट (KMnO₄) या एंटीसेप्टिक लिक्विड (Dettol) डालें। यह बैक्टीरिया को मारता है।

5. आहार में बदलाव:

कबूतर के भोजन में हरी दाल, मक्का, सूरजमुखी के बीज और विटामिन E युक्त दाने दें ताकि त्वचा स्वस्थ रहे।

6. माइट स्प्रे या पाउडर:

अगर संक्रमण माइट्स या जूं से है, तो पशु चिकित्सक द्वारा सुझाया गया माइट स्प्रे या डस्टिंग पाउडर लगाएँ।

रोकथाम के उपाय

  • हफ्ते में एक बार कबूतर को नहलाएँ।

  • कबूतरखाना सूखा और हवादार रखें।

  • खाने-पानी के बर्तनों को रोज़ साफ करें।

  • नए कबूतरों को पुराने झुंड में डालने से पहले कुछ दिन अलग रखें।

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